सोमवार, 12 फ़रवरी 2024

हम दौड़ क्यो रहे है।

 सबसे पहले हम अपने आप से पूछे की हम दौड़ क्यो रहे है।

सबके दौड़ने के कारण अलग अलग होते है।
शेर दौड़ता है अपने शिकार को पकड़ने के लिए
हिरण दौड़ता है अपनी जान बचाने के लिए।
अभी हम लोग सिर्फ एडिक्शन या लत के कारण दौड़ रहे है।
किसी को आर्मी में जाना है या पुलिस में भर्ती होना है।
किसी को डॉक्टर ने राय दी है इसलिए दौड़ रहा है।
मैं स्विमिंग करता था 2013 के पहले मैंने हाई बी पी और अस्थमा के लिए दौडना शुरू किया ।
हम सब की उम्र अलग होती है,सबका व्यवसाय अलग होता है घर की परिस्थितिया अलग अलग होती है। किसी को वर्कआउट करने के बाद दिन भर काम करना है।किसी को कम कार्य करना है ।इस पर भी वर्कआउट निर्भर करेगा।
हमे हमारी प्राथमिकता तय करनी होगी ।क्या जरूरी है ।क्या नही ।
एक फार्मूला सब पर सही नही बैठता है।
एक दिन में कोई चैंपियन भी नही बनता है।
लोग कामरेड जा रहे है तो हमे भी जाना है भले ही कर्ज लेकर जाए क्या ये सही है क्या???
अपनी नौकरी ,काम धंधा छोड़कर वर्कआउट के लिए पागल होना सही नही है।
हर व्यक्ति को तय करना चाहिए की मुझे दौड़ में क्या करना है ।
कम उम्र के बच्चों को 18 से 22 साल वालो को जिला,राज्य,और देश के लेवल पर खेलने का टारगेट रखना चाहिए।
छोटी दौड़ 400,800,1500,3000,5000,मीटर पर फोकस करे क्यो 21 और 42 km करे ,क्यो खरदुल्ला लदाख करे ये मैराथन सिर्फ endurance के लिए है जो सभी जिम्मेदारियों से मुक्त है वो करे।
साल में एक या 2 फुल करे ज्यादा कीड़ा काटता हो तो अन्यथा 20 मिनट रोज दौड़ ले तो ही हम फिट रह सकते है।उसने ये सब किया तो मैं भी ये करूँगा गलत बात है।
हर व्यक्ति को आत्मचिंतन करना चाहिए की हम अपने आप से क्या चाहते है।
कितना वर्कआउट ज्यादा है हमारे लिए ये लक्ष्मण रेखा भी खुद को ही खींचनी होगी।
आर्गेनाइजर तो इवेंट करवाते रहेंगे ।

मैने किताबें मांगी

  मैने किताबें मांगी मुझे चूल्हा मिला... मैने दोस्त मांगा मुझे दूल्हा मिला... मैने सपने मांगे मुझे प्रतिबंध मिले... मैने संबंधी मांगे मुझे अ...