शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024

मैने किताबें मांगी

 मैने किताबें मांगी

मुझे चूल्हा मिला...
मैने दोस्त मांगा
मुझे दूल्हा मिला...
मैने सपने मांगे
मुझे प्रतिबंध मिले...
मैने संबंधी मांगे
मुझे अनुबंध मिले..
कल मैने धरती मांगी थी
मुझे समाधि मिली थी
आज मैं आकाश मांगती हूं
मुझे पंख दोगे..?


न जाने कौन सी कहानी
उदास है ज्यादा...
वो औरत
जो थी इतनी मजबूर
कि बेचना पड़ा उसे अपना वक्त
अपनी मुस्कुराहट
अपना जिस्म...!
या
वो मर्द
जो पड़ गया था इतना अकेला कि
खरीदना पड़ा उसे
दूसरे का वक्त
दूसरे की मुस्कुराहट
दूसरे का जिस्म..!!

अब कौन?

 अब कौन?.

रोज़ रोज़ खुदा ढूंढे,
जिसको न मिला वही ढूंढे,
रात आयी है तो सुबह भी होगी,
आधी रात में कौन? सुबह,
ढूंढे.
ज़िंदगी है तो जी!.?. खोल कर
जियो, रोज़ कौन क्यूं जीने,
की वजह
ढूंढे.
चलते, फिरते, पत्थरों- के शहर
में, पत्थर खुद..
पत्थरों, में,
खुदा,,
ढूंढे.
धरती को जन्नत बनाना है अगर
हर शख्स इंसानं में इंसान,
ढूंढे.
💫


मैने किताबें मांगी

  मैने किताबें मांगी मुझे चूल्हा मिला... मैने दोस्त मांगा मुझे दूल्हा मिला... मैने सपने मांगे मुझे प्रतिबंध मिले... मैने संबंधी मांगे मुझे अ...