शनिवार, 26 सितंबर 2015

सब परिवार

ये है "सब" का परिवार
हँसाते हैं ये सारे वार
यू ही समा जाता है इनमें संसार
ऐसा है ये "सब" परिवार

पूछे जब "कन्हैया लाल" सवाल
सुनके सब हो जाएँ बेहाल
पर जब दे "श्री कृष्ण" जवाब
बन जाता है सवालों का कबाब

गीता का है इसमें सार
कर दे सबकी नैया पार

जहाँ मुसीबत पड़ने पर
दौड़ा आए "बालवीर" उधर
बच्चो का ये प्यारा वीर
कहलाता है ये "बालवीर"

ऐसे ही मदद करता रहे ये वीर
यूँ ही उड़ता रहे "बालवीर"

हँसी का है ये पिटारा
लगता है ये सबको न्यारा
गुदगुदाता रहे ये हरदम
क्योंकि नहीं है किसी से कम

"तारक मेहता का है ऊलटा चश्मा"
लगता है ये सबको अपना

मुहावरों का है इसमें ज्ञान
बढ़ाता है ये इसकी शान
शिक्षाप्रद है ये धारावाहिक
कवियों का है इसमें गुणगान

चिड़िया घर है इसका नाम
बन जाता है सबसे महान

अनोखा है ये सीरियल
फिर भी भा जाता है सबको
अजीबो-ग़रीब होती है हरकते इसमें
फिर भी मन नहीं भरता देख के इसको

"बड़ी दूर से आएँ हैं" इसमें लोग
लगाते हैं हम को देखने का रोग

ज़बरदस्ती किया है घर पर क़ब्ज़ा
क्योंकि नहीं है किसी में खाली करवाने का जज़्बा
इसी उधेड़बुन में हँसाए खूब
जिसे देखने में मज़ा आए भरपूर

रहते हैं ये किसी ओर के घर में
फिर भी हँसाने आते हमारे घर में

अच्छाइयों से भरा है ये
कभी रुलाता तो कभी हँसाता है ये
मनोरंजन से है भरपूर
इससे कभी ना जाए हम दूर

ऐसे हैं ये "यम"
जो ना दे मौत और ना दे गम

कहता नहीं है ये कुछ भी
पर हंसा जाता है फिर भी
शरारतों से है ये भरा
लगता है ये सबको खरा

नाम है इसका "रम-पम पो"
क्योंकि ये है साइलेंट रॉमांटिक शो

अब आ रही है एक और पटरी
नाम है इसका "पुलिस फॅक्टरी"
करेगी ये भी कमाल
मचाएगी ये खूब धमाल

ये है "सब" का परिवार
हँसाते है ये सारे वार
यू ही समा जाता है इनमे संसार
ये है ऐश्वर्या का कहना
चलता रहे ये "सब" परिवार l 

रिश्ते प्यार और विश्वास से बनी नाज़ुक डोर होती है

 रिश्ते प्यार और विश्वास से बनी नाज़ुक डोर होती है
जो ना निभा पाया इसकी नज़ाकत को ,वो इंसान खुद को आखिर में कमज़ोर और अकेला पाता है

कोई बेगाना हो कर भी ,यहाँ चंद पलो में अपना बन जाता है
कोई शौहरत की चाह में ,यहाँ अपनों को भूल जाता है

जीवन में हर मोड़ पे संघर्ष है
यहाँ डठकर आगे बढ़ने वाला सफलता पाता है

मेरी तमन्ना ना थी तेरे बगैर रहने की

मेरी तमन्ना ना थी तेरे बगैर रहने की...
लेकिन मजबूर को,, मजबूर की,,
मजबूरिया,, मजबूर कर देती है
एक दीवानी ‏

कुछ लोग हमें अपनी कहा करते है,
सच कहूँ वो सिर्फ कहा करते है !!

हाँ, भूल ही गया होगा वो मुझे...
वर्ना कोई इतनी देर, यूं किसी से खफा तो नहीं रहता
तकलिफ ये नही की तुम रुठ गये ।
तकलिफ ये है कि तुम बहाना गलत बता गये।।
बात मुक्कदर पे आ के रुकी है वर्ना,
कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में !!
ये झुठी और सच्ची मोहब्बत क्या होती है.......!
मोहब्बत या तो होती है, या नही होती,,,,,,,😎🔱♠♥
ऐ इश्क़ ! तेरी वकील बन के बुरा किया मैनें,,,,,
यहाँ  हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं.......
वजह कुछ भी नही, कुछ तुम थक गये रिश्तो को निभाते निभाते...
कुछ हम भी टूट  गये है तुमको मनाते मनाते..!!
आखिर जी भर ही गया ना
और चाहो जी भर के मुझे...!
मेरे खुदा ले चल ऐसे मंजर पर मेरे कदम,
जहां न कुछ पाने की खुशी हो, न कुछ खोने का गम .
हमने तो एक ही शख्श पर चाहत ख़त्म कर दी
अब मुहब्बत्त किसको कहते है मालूम नहीं... !!
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है
क़ब्रों में नहीं हमको किताबों में उतारो,,
हम लोग मुहब्बत की कहानी में मरे हैं..!!
जो लोग दूसरों की आँखों में आंसू
भरते हैं वो क्यों भूल जाते है कि उनके पास
भी दो आँखें है..

मेरे परिवार में हम चार भाई-बहन थे

 मेरे परिवार में हम चार भाई-बहन थे — मैं, और मेरी तीन बहनें। दो बहनें बड़े शहरों में अच्छे घरों में ब्याही गई थीं, और एक थी राधा… जो किस्मत ...