बुधवार, 31 मई 2017

वो पढ़ेगी, वो उड़ेगी बिटिया

बेटी है हर घर का गहना 
बिन बेटी घर घर ना रहता 
बेटियां सबकी जान है, 
ये जहान है
पिता की है लाडली, 
मां की प्यारी 
भाइयों की शान है, 
इस देश की है जान
वो पढ़ेगी इस जहान में 
उड़ेगी इस खुले आसमान में, 
"सपने जो देखें है, 
खुली आंखों से पूरे करने है 
ख्वाबों की उड़ानें उन आंखों में,
पर लगे हैं उन सपनों पर 
कदमों तले है आसमान "
हौसले है बुलंद,
कुछ करके दिखाना है
इस जहां  मे अपना नाम बनाना है..
"ना सर झुकाऊंगी
 ना हाथ बढ़ाऊंगी
 मुझमें हिम्मत है, 
 कुछ करके दिखाऊंगी"
जब तक अपनो का साथ है, 
हर घर की बेटी 
इस देश की जान है.. 
"हमें बढ़ना है, 
हमें उडना है, 
कुछ करना है, 
कुछ बनना है, 
कुछ बनना ह"..
हम हैं इक फूल कमल का, 
पानी दो तो खिल जाएगें 
बिन पानी मिट्टी में ही मिल जाएंगे.. 
मुझे बोझ ना समझो इस दुनिया में, 
बेटा नहीं तो क्या हुआ 
हौसलें है बुलंद 
बेटा बनकर कुछ करके दिखाऊंगी, 
इस जहां में अपना नाम बनाऊंगी.....

मेरे परिवार में हम चार भाई-बहन थे

 मेरे परिवार में हम चार भाई-बहन थे — मैं, और मेरी तीन बहनें। दो बहनें बड़े शहरों में अच्छे घरों में ब्याही गई थीं, और एक थी राधा… जो किस्मत ...